Wednesday, August 1, 2012

नरेंद्र मोदींची (नयी दुनिया) हीच ती मुलाखत

नई दुनिया साप्ताहिक // ३० जुलाई २०१२ // संपादकः शाहिद सिद्दीकी //
समाचारपत्र के मुखय पृष्ठ पर गुजरात केमुखयमंत्री नरेन्द्र मोदी से इंटरव्यू लेते हुए शाहिद सिद्दीकी का चित्र छापा गया है । और इसके साथ नीचे नरेन्द्र का भी एक बड़सा चित्र है जिसके साथ लिखा गया है  ''मैंगुनाहगार हूं तो मुझे फांसी पर लटका दो।''
 http://www.scribd.com/doc/101312486/Narendra-Modi-s-Interview-with-Shahid-Siddiqui-of-Urdu-weekly-Nai-Duniya
गुजरात केमुखयमंत्री से शाहिद सिद्दीकी का इंटरव्यू सिद्दीकी ने कहा कि दो सप्ताह पूर्व जब मैं हेमा मालिनी की पुत्री की शादी में भाग लेने के लिए मुंबई गया  था। शाम को हम बांद्रा के एक फ्लैट में बैठे हु थे। हमारे साथ विखयात फिल्म निदेर्षक महेष भट्सलमान खान के पिता सलीम खान और उद्योगपति जफर सुरेषवाला थे। बातो बातोंमे गुजरात का जिक्र  निकल आया। मोदी के जुल्मों सितम की गुजरात के मुसलमानों से अन्याय की बात भी निकली। सलीम  खान कहने लगे शाहिद साहब आपने दुनिया भर केने ताओंका इंटरव्यू लिया है नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू   क्यों नहीं लिया ? मैंने पलटकर कहा मोदी कभी नईदु निया को इंटरव्यू नहीं देगा। नई दुनिया मोदी का  सबसेबड विरोधी है और मैं हर टीवी चैनल पर मोदी के विरोध में बोलता हूं। महेष भट् बोले की कोषिष तो कीजिए। क्योंकि हमारे सामने मोदी की राय कभी सीधी नहीं आई। नरेन्द्र मोदी भी मीडिया से दू भागता है और मीडिया भी नरेन्द्र मोदी की बात नहीं सुनना चाहता। मैंने जफर सुरेषवाला से कहा कि कोषिष करके देख लो। अगर वे राजी हो जाएं तो मुक्षे कोई एतराज नहीं है। मैंने १९७७ में इंदिरा गांधी  का इंटरव्यू उस वक्त लिया था जब इमरजेसी के खात्मे के बाद सब उन्हें नफरत की नजर से देखते थे। इंदिरा गांधी क्या सोंचती थी? क्या चाहती थी? यह पहली बार मैंने दुनिया के सामने पेष किया था। मैंने अटल बिहारी बाजपेयी का भी इंटरव्यू लिया और आडवाणी का भी। यह तो पत्रकार का कर्तव्य है। खास तौ पर जो विरोधी हैं और जो बदनाम हैं। जिनकी राय से हम सहमत नहीं हैं। उनकी सोंच भी हमारे सामने आनी चाहिए। एक सप्ताह बाद एक दिन मुक्षे संजय बाउसर का टेलीफोन मिला जो मोदी के सेक्रेटरी हैं। उन्होंने मुक्षे मोदी का इंटरव्यू करने की दावत दी। मैंने कहा कि एक शर्त यह है कि मोदी मेरे हर सवाल का जवाब देंगे। दूसरा जो मैं चाहूंगा उनसे सवाल करूंगा। मोदी के बारेमें मैं जानता हूंकि उन्होंने कई बार टीवी चैनलोंको इंटरव्यू देते हु किसी सवाल से नाराज होकर इंटरव्यू को बीच मेंही खत्म कर दिया था। मैं जानता था कि मे रा इंटरव्यू बहुत कड़ होगा। मेरे सवाल हिंदुस्तानके हर सेकुलर  इंसानके जहीन मेंउठनेवाले सवाल होंगे। क्या नरेन्द्र मोदी इन सवालोंको बर्दाष्त करेंगे। अगले दिन संजय का फोन आया कि मोदी जी राजी हैं आप कब आएंगे? मेरे दिल में कषमकष थी कि मैं मोदी से  इंटरव्यू करूं या करूं। आखिरकार मैंने फैसला किया कि अपने सवाल रखनेमें क्या हर्ज है? गांधीनगर  में मुखयमंत्री का निवास स्थान बहु शां जगह पर है। हर चीज बहुत सिस्टम से थी। मोदीने मेरेइंटरव्यू की वीडियो फिल्म बनाने और उसे टेप करने का भी फैसला किया। ताकि मैं उनकी कही हुई बातोंमें कोई नमक मिर्च लगाऊं।

आदी आस्तीन के गुलाबी कुरते में नरेन्द्र मोदी मेरे सामने बैठे थे। एक शखस जिसे डिक्टेटर भी कहा जाता  है और हिटलर भी। मुस्लिम दुष्मन और फिरकापरस्त भी मोदी के होठोंपर मुस्कुराहट थी। मगर उनकीं  आंखें नहीं मुस्कुरा रही थीं। मोदीने वायदेके अनुसार मेरेसभी सवालोंके जवाब दिए मगर बहु से सवाल वे टाल गए। अपना दामन बचा गए। मोदी बहुत मंजे हु सियासतदान और बहु तजुबेर्कार खिलाड़ की तरह मेरे हर बाउंसर से बचनेकी कोषिष कर रहेथे। मैं मोदी के बहुत से शर्तसे सहमत  नहीं हूं। और ही जवाबोंसे संतुष्ट हूं। फिर भी मैं उनका इंटरव्यू पेष कर रहा हूं। ताकि मोदी की सोंच से वाकिफ होसके। अगले सप्ताह मैं मोदी के इंटरव्यू पर अपना व्यक्तिगत विष्लेषण पेष करूंगा ताकि  मोदी के सच और क्षू को बेनकाब करूं

विस्तृत इंटरव्यू
शाहिद सिद्दीकीः नरेन्द्र मोदी जी, हिंदु स्तान का आपका तस्वर (कल्पना) क्या है? क्या आप हिंदुस्तान को  एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं? अगले पचास वर्षोमें आप कैसा हिंदुस्तान बनाना चाहतेहैं?
नरेन्द्र मोदीः हम एक खुषहाल भारत देखना चाहते हैं। एक मजबू भारत देखना चाहते हैं। २१वीं सदी भारत की सदी हो यह हमारा स्वप्न है। जिसे साकार करना है।
सिद्दीकीः कहा जाता हैकि आप गुजरात को हिंदू राष्ट्र की प्रयोगषाला केतौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप केंद्र में सत्तारूढ़ हो गए तोआप भारत कोएक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहेंगे। इसमें मुसलमानों और  दूसरी अल्पसंखयकोंकी कैसी जगह होगी?
मोदीः पहली बात तोयह है कि आज गु जरात में अल्पसंखयकोंकी जो जगह है वह पूरे देष की तुलना मे  ज्यादा अच्छी है। दूसरे बेहतर होनेकी गुंजाइष इतनी ही है जितनी किसी हिंदू की। मुसलमान कोभी  आगे बढनेका उतना ही मौका मिलना चाहिए। जितना किसी हिंदू को। अगर तषब होतो एक घर भी नहीं  चल सकता। एक बहु अच्छी लगेऔर दू  सरी लगेतोघर में सुकू नहीं हो सकता।
सिद्दीकीः मान लीजिए की घर में चार बच्चे हैं। इनमेंसे एक किसी भी वजह सेकमजो है, पिछड गया है  तो क्या उसपर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए? उसे बढने के लिए अधिक अवसर नहीं मिलने चाहिए?
मोदीः यह तो हमारे संविधान मेंभी कहा हैकि जो कमजो है, पिछड है, उसे अलग से सहारा मिलना  चाहिए। अगर समाज इसकी जिम्मेवारी नहीं उठाएगा तो भला कौन उठाएगा? मान लीजिए कि एक बच्चा मानसिक रूप से कमजो है इसके मां-बाप की जिंदगी तो उसे पालनेमें खप गई। मेरा मानना है कि अगर कमजो बच्चा है तो उसकी जिम्मेवारी सिर्फ माता-पिता की नहीं बल्कि पूरे समाज की है। अगर हम  यह कहेंकि यह तुम्हारे घर में पैदा हुआ है सिर्फ तु इसे संभाल लो तो गलत होगा.

आरक्षण
सिद्दीकीः इस मुल्क में जितनेभी सर्वे हु हैं। चाहे वह सच्चर कमेटी हो या रंगनाथ मिश्र कमीषन। सबका  कहना हैकि खासतौर से मुसलमान जीवन के हर क्षेत्र में चाहे वह षिक्षा होया आर्थिक बहु से कारणों से  पिछड़ गए हैं। आपके विचार में उन्हें आगे लाने के लिए, उनका हक दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? क्या उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? जबकि ५० फिसदी नौकरियां आरक्षण में चली गई हैं। बाकी ५० प्रतिषत में मुसलमान मुकाबले में पीछे रह जाता है। उसके लिए सभी दरवाजे बंद हैं। उसको  आगे लाने के लिए क्या करना चाहिए?
मोदीः ऐ सा नहीं है। गुजरात में ओबीसी में ३६ मुस्लिम बिरादरियां हैं जो पिछडंमें आती हैं। उन्हें वे सभी   सुविधाएं मिलती हैं जो दूसरे पिछडं को मिलती हैं। मैंभी पिछड जाती सेहूं। हमें रास्ता ढूंढना होगा कि सबको इसमें हिस्सेदारी मिले। जैसे आज स्कू हैं, टीचर हैं। इसके बावजू लोग अनपढ हैं। इसका हल  हमने गुजरात में ढूंढा। हमने यह अभियान चलाया कि शत प्रतिषत लडकियों को षिक्षा मिले। जू के  महीने में जब बहुत गर्मी होती है तो सारे अधिकारीसारे मंत्री, सारी सरकार गां-गां और घर-घर जाते  हैं। ये देखते हैं कि क्या लडकियां पढ रही हैं. आज ९९ प्रतिषत लडकियां स्कू लोंमें हैं। इनमें सभी धर्मो की लड कियांहैं। पहले ड्रॉप आउट ४० प्रतिषत था। आज वह मुष्किल से २ प्रतिषत ही रह गया है। अब इसका फायदा किस कोमिल रहा है? मेरी हिंदू मुसलमान की फिलॉस्फी नहीं है। मैं तो सिर्फ यह देखता हू  कि गुजरात में रहनेवाले हर बच्चे कोहक मिले। मेरी दस साल की कोषिषोंमें सबसे खूषी इस बात की  है कि मैं किसी हिंदू स्कू में अभिभावकोंकी बैठक बुलाता हूं तो उसमें साठ प्रतिषत आते हैं। जबकि  मुसलमान क्षेत्रोंकी बैठकोंमे शत-प्रतिषत लोग आते हैं.

मुसलमान ज्यादा जाग रहे हैं
सिद्दीकीः आपने मुसलमानों के इलाकों के स्कूलों में जाकर सी मिटिंगें की है।
मोदीः बिल्कुल, ढे सारी। बल्कि मेरा तजुर्बा यह है कि आज षिक्षा के बारे में मुसलमान ज्यादा जागे हुए हैं। अभी मैं आपको बताऊंकि दान्ता के पास एक गां में मैं गया। वह ७० प्रतिषत मुस्लिम आबादी का  था। वहां तीन बच्चियों ने मुक्षसे कहा कि उन्हें मुक्षसे अलग से बात करनी है। मुक्षे नहीं पता था कि वे  किस धर्म से हैं। बच्चियां सातवीं-आठवीं कक्षा की थीं। मैंने जब उनसे अलग बात की तो यह पता चला  कि वे तीनों मुसलमान हैं। उनका कहना था कि वे आगे पढ़ना चाहती हैं मगर उनके माता-पिता इसके  खिलाफ हैं। उनकी इस बात ने मेरे दिल को छुआ कि मे रेराज्य में तीन लड कियां ऐसी हैं जो आगे कि  षिक्षा प्राप्त करने के लिए मुखयमंत्री से मदद मांगने से हिचक नहीं रही हैं। मैंने इनके मां-बाप को  कहलवाया कि वे लडकियों की बात मानें। यह दो साल पहले की बात है। दोनों लडकियां पढ रही हैं।
सिद्दीकीः आप ठीक कहते हैं कि पिछडं में मुसलमानो को हिस्सा तो दिया गया मगर मंडल के आने के  बाद से पिछले २० वर्षो में यह बात सामने आई हैं कि मुसलमानों को उनका हक नहीं मिलता। मिषाल के   तौ पर दस नौकरियां हैं औ अप्लाई करने वाले पांच सौ हैं। इनमें ५० प्रतिषत मुसलमानों ने भी अप्लाई किया है। मगर सभी नौकरियां हिंदू पिछडं को दी जाती हैं। मुसलमानों को कुछ नहींमिलता। इसलिए  सच्चर कमेटी ने इस बात पर जो दिया कि पिछडं को आरक्षण में से मुसलमानों का अलग हिस्सा होना  चाहिए।
मोदीः भारत केसंविधान निर्माताओं ने इस बात पर बहुत गहराई से विचार किया था यह फैसला  किया था कि धर्म केआधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह खतरनाक होगा। उस वक्त तो कोई आरएसएस वाले या बजरंग दल वाले नहीं थे।

सिद्दीकीः मुस्लिम लीडरों ने और यहां तक मौलाना आजाद तक ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध  किया था। पिछले ६४ वर्षो के अनुभव से हमें भी तो सिखना चाहिए। संविधान में हमने बहुत से संषोधन  किए हैं। इसलिए अब ६४ वर्ष बाद यदि हम मुसलमानों को उनका पिछड़ापन दू करने के लिए आरक्षण  देते हैं तो उसमें आपको क्या परेषानी है।
मोदीः नहीं, नहीं, वह यह बदलाव नहीं है। यह एक बुनियादी बात है। संविधान के बुनियादी ढांचे मे कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। मगर मैं दूसरी बात कहता हूं कि जिन राज्यों को आप प्रगतिषील और सेकुलर
कहते हैं वहां मुसलमान नौकरियां मे दो प्रतिषत हैं, चार प्रतिषत हैं। गु जरात में मुसलमानों का आबादी में  अनुपात प्रतिषत है। मगर नौकरियों में १२ से तेरह प्रतिषत हैं। बंगाल में २५ प्रतिषत मुसलमान हैं। मगर  नौकरियों मे प्रतिषत हैं। यह मैं नहीं कह रहा। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट कह रही है।
सिद्दीकीः गुजरात में तो मुसलमान पहले से ही आगे था। आपने कोई सा कारनामा नहीं दिखाया है। मुसलमान बिजने में भी आगे था और तालीम में भी आगे था.
मोदीः चलिए आपकी बात मान लें। पिछले२० सालों से गुजरात में बीजेपी की हुकू मत है। अगर हम उन्हे  बर्बाद कर रहे हो ते तो क्या आज भी इतनेही आगे होते। अगर हमारा रूख मुस्लिम विरोधी था तो वे क्या  २० सालों में पिछड़न जाते? सच्चर कमेटी का सर्वे उस वक्त हुआ जब मेरी सरकार थी। गुजरात में ८५ से  ९५ तक सरकारी नौकरियों में भर्ती बंद थी। भर्ती तो मेरेजमाने मे हुई। कुल छह लाख सरकारी नौकरियो  में से तीन लाख मेरे समय में भर्ती किए गए।
सिद्दीकीः आपके समय में जो भर्ती हु उसमें १० से १२ प्रतिषत मुसलमान थे।
मोदीः नहीं मैंने हिसाब नहीं लगाया है। यह मेरी फिलॉसफी नहीं है। हीं मैं हिंदू मुसलमान के बुनियाद  पर हिसाब लगाऊँगा। मेरा काम है कि मेरिट के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सब को मौका दिया  जाए। अगर वे मुस्लिम हैं तो भी मिले। अगर वे हिंदू और पारसी हैं तो भी उन्हें मिलेगा। आप सच्चर  कमेटी की हर बात पर विष्वास करते हैं। फिर सच्चर कमेटी ने मेरे वक्त की जो रिपोर्ट दी है। उसपर  भरोसा क्यों नहीं करते?

दंगों में क्या हुआ?
सिद्दीकीः अब हम गुजरात दंगों की तरफ आएं। इस दौरान क्या हुआ। गोधरा में जो लोग जले उनकी  लाषो को अहमदाबाद क्यों लाया गया। क्या आपको अंदाजा नहीं था कि इसके नतीजे क्या होंगे?
मोदीः इस सवाल का जवाब विस्तृ रूप से मैंने एसआईटी को भी दिया है और सुर्पीम कोर्ट को भी कोई भी. लाष होगी तो उसे वापस तो करना ही होगा। जहां सबसे ज्यादा तनाव है वहांकोई लाष ले जा सकता है? तनाव गोधरा में था। इसलिए वहां से जली हुई लाषो को हटाना जरूरी था। ये पैसेंजर कहां  जा रहे थे? यह ट्रेन अहमदबादा जा रही थी। इन लाषों को लेनेवाले सब अहमदाबाद में ही थे। आपके  पास लाषों को वापस करने का क्या तरीका है.
सद्दीकीः आप किसी अस्पताल में लाकर खामोषी से उन्हें रिष्तेदारों के हवाले कर देते। उन्हें घुमाया क्यो  गया?
मोदीः आप सच्चाई सुन लीजिए। इतनी लाषों को रखने के लिए गोधरा में जगह नहीं थी। लाषों को वहां   से हटाना था। प्रषासन ने सोचा की रात के अंधेरे में लाषें हटाई जाएं। इसीलिए उन्हें उसी रात वहां से  हटाया गया। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ला सकते थे। मगर वह भीड़भाड वाला इलाका था।  तनाव पैदा होता। यह प्रषासन की समक्षदारी थी कि सभी लाषों को शोला के अस्पताल में लाया गया। शोला बिल्कु उस वक्त अहमदाबाद से बाहर था, जंगल था। शोला सेकोई जुलू नहीं निकला। लाषे  खामोषी से रिष्तेदारों के हवाले कर दी गईं। १३ या १४ सी लाषेंथीं जिनकी पहचान नहीं हो सकीं।  उनका अंतिम संस्कार भी अस्पताल के पीछे ही कर दिया गया।


दंगे क्यों नहीं रूके
सिद्दीकीः इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड उठे। लोग मारे जा रहे थे। घर जलाए जा रहे थे। आप  गुजरात के मुखयमंत्री थे। आपको तो खबर थी कि क्या हो रहा है। अहमदाबाद में क्या हो रहा है। आपने  इस खू-खराबे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए?
मोदीः इसके लिए सबसे पहले काम हम लोगो ने यह किया कि शांति अमन बनाए रखनेकी अपील  की। यह मैने गोधरासे ही किया। इसके बाद अहमदाबाद आकर शाम को रेडियो टीवी से अपील की। मैंने  प्रषासन से कहा कि जितनी पुलिस है सबको लगा दो। हालांकि यह बहु बड़ वाकया था। पहले ऐसा नहीं हुआ। एक वह वक्त था जब पहले कोई वाकया होता था तो दूसरे दिन अखबार में खबर आती थी। फोटो आने में भी दो दिन लग जाते थे। इतने में आवष्यक कदम उठाने का मौका मिल जाता था। फो र्स भेजनेका भी मौका मिल जाता था। आज टीवी पर घटना के चंद मिनटो बाद खबर जाती हैं। तस्वीरे  दिखानी शुरू हो जाती हैं। प्रषासन को आज टीवी की स्पीड से मुकाबला करना पडता है। अहमदाबाद से  बडौदा तो फोन चंद मिनटों में हो जाता है। मगर पुलिस फोर्स भेजनी हो तो कम से कम दो घंटे लगेंगे। पुलिस फोर्स टीवी न्यू की स्पीड की मुकाबला नहीं कर सकती। दूसरा मैं देष के अन्य भागो मे हुए दंगो से तुलना करूं। मैं इस बात में विष्वास नहीं करता कि १९८४ में दिल्ली में क्या हु? इसके लिए हमारे यहां हुआ तो क्या बात है? दंगा दंगा है। १९८४ के दंगे में एक भी जगह गोली नहीं चली और लाठी  चार्ज हुआ। अगर लाठी चार्ज हु तो सिर्फ एक जगह हुआ। जहां इंदिरा गांधी की डेड बॉडी रखी हुई थी। वहां इतनी भीड जमा हो गई थी कि उसको कंट्रोल करने के लिए लाठी चार्ज हुआ। लेकिन दंगा रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल नहीं हुआ। गुजरात में २७ फरवरी को गुजरात में कितनी जगह गोली  चली, लाठी चार्ज हु, कर्फ्यू लगाया गया। कार्रवाई हुई।
हिंदुओं को खुली छूट
सिद्दीकीः लेकिन आपकी पार्टी के लोग आपकी प्रषासन के अफ्सर यह कहते हैं कि आपने कहा कि हिंदुओ  को ४८ घंटे गुस्सा निकालने दो। हरेन पांड्या संजीव भट् ने यह आरोप लगाया। आप इसके बारे मे  क्या कहतेहैं?
मोदीः आपको किसी पर तो भरोसा करना होगा। मुक्ष पर नहीं तो सुर्पीम कोर्ट पर करें। सु र्पीम कोर्ट ने  जांच करवाई। इसकी रिपोर्ट में क्या कहा गया। मैंने क्या कार्रवाई की। इसके बारे में मैं आपको पूरे तथ्य पेष कर रहा हूं। कहां-कहां गोली चली? कितने लोग मारे गए। आज तो मीडिया जागा हुआ है। कोई बात छुपती नहीं है। कोई क्षू चलता नहीं है। मैं एक बहु महत्वपूर्ण बात बताता हूं। मगर छापना मत (इसके बाद मोदी ने फौज के बुलाने के बारे में कुछ बातें कहीं मगर उन्हें प्रकाषित करने से मना कर दिया) एक  क्षू है। २७ फरवरी को गोधरा का वाकया हु आ। २८ को दंगे भड़के। मार्च को फौज बुलाई गई। मीडिया के कुछ लोग कहते हैं कि तीन दिन तक फौज नहीं बुलाई। वे यह भू जाते हैं कि फरवरी में २८ दिन ही होते हैं। यानी हमने अगले ही दिन अहमदाबाद को फौज के हवाले कर दिया था। गाली देने से  पहले तो सोच लीजिए।


दंगों की योजना पहले से ही थी
सिद्दीकीः मगर दंगे तो ऐसे हुए जैसे उनकी पहलेसे तैयारी थी। मुसलमानों के घर और दू कानों को  चुन-चुनकर जलाया गया। जैसे पहलेसे ही निषान लगाए गए थे। पहले से ही प्लान तैयार था। मुसलमानोंकी सूचियां बनी हुई थीं।
मोदीः यह सब क्षू है। प्रॉपोगंडा है। उस वक्त की खबरें देखिए कि कितने मुसलमानों को बचाया गया है। अगर हम बचानेकी कोषिष करते तो कौन बचता? क्या-क्या कार्रवाई हुई इसका विवरण एसआईटी के पास है।
सिद्दीकीः हिंदुस्तान के मुसलमानों के दिल में शक है, जखम है। इसलिए लोग सच्चाई जानना चाहते हैं कि  आपके मिनिस्टर पुलिस कंट्रोल रूम में मौजू थे।
मोदीः क्षू, सरासर क्षूठ। तमाम सच्चाईयां एसआईटी के पास हैं। सुर्पीम कोर्ट ने जांच की है। उन्होंने क्या  पाया इसका इंतजार करिए। मेरे कहने न कहने से फर्क नहीं पड़ता।
सिद्दीकीः अहमदाबाद में जो दंगे हो रहे थे इसकी आपको पहले से ही खबर थी। क्या आपने शहर का   राउंड लिया? रिफ्यूजी कैंपों में गए?
मोदीः मैं सब जगह गया। सबकी फिक्र की। यह प्रॉपोगंडा फैलाया जाता है कि रिफ्यूजी कैंप सरकार ने  नहीं चलाए। हमारे यहां गुजरात में सामाजिक ढांचा बहुत मजबू है। जब भू चाल आया था तोभी हमने  कैंप नहीं लगाए थे। हमने सारा इंतजाम अनाज, राषन आदि सामाजिक संगठनों के हवाले कर दिया था। इन षिविरों को चलानेवाले मुसलमान हो सकते हैं। मगर उनकी सारी जरूरतें सरकार पूरी कर रही थी। इसका पूरा रिकॉर्ड है। कहां क्या दिया गया। कितना अनाज और दूसरी चीजें दी गई? इतना ही नहीं  दसवीं के इम्तेहान थे। इसका पूरा इंतजाम हमने किए। मुसलमान बच्चों ने इम्तेहान दिए और पास हुए। इस पर भी लोग अदालत गए मगर गलत साबित हुए। मगर कुछ लोगों ने और मीडिया ने मेरे खिलाफ क्षू फैलाने का ठेका ले रखा है।
 वाजपेयी ने क्या कहा?
सिद्दीकीः उस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी नेआपसे क्या कहा? उन्होंने आपसे कहा कि आपने राजधर्म नहीं निभाया।
मोदीः यह क्षू चलाया जाता है। अटलजी ने जिस भाषण में कहा कि राजधर्म निभाना चाहिए। उसी मे   उन्होंने आगे कहा था कि मुक्षे मालू है कि गुजरातमें राजधर्म निभाया जाता है। इसी का अगला जुमला  है। मगर मीडिया उसे गायब कर देता है। हालांकि उसका वीडिया रिकॉर्ड मौजू है।
सिद्दीकीः आज दस वर्ष दंगे को हो गए हैं। आपसे अटल जी ने क्या कहा? दंगा रोकने के लिए क्या कदम   उठाए? आपसे प्रधानमंत्री की क्या बात हुई? कुछ तो बताइए।
मोदीः उन्होंने कहा कि हम मिलजुलकर बेहतर करने की कोषिष करें औ हालात पर काबू पाएं।

फांसी पर लटका दो 
सिद्दीकीः १९८४ की दंगों की राजीव गांधी ने माफी मांगी, एच के एल भगत, जगदीष टाइटलर सज्जन  कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई। उनका राजनीतिक कैरियर खत्म हो गया। सोनिया गांधी और मनमोहन  सिंह ने भी माफी मांगी। फिर आखिर आपने२००२ के गुजरात दंगों पर माफी क्यों नहीं मांगी? अफसो का  इजहार क्यों नहीं किया? जबकि यह आपकी जिम्मेवारी थी।
मोदीः पहली बात उस वक्त मैंने क्या बयान दिए थे। उन्हें देख लीजिए। उस गर्मा-गर्मी के माहौल मे  मोदी नेक्या कहा? २००४ में मैंने एक इंटरव्यू में कहा था मुक्षे क्यों माफ करना चाहिए? अगर मेरी सरकार  ने यह दंगे करवाए। तो उसे बीच चौराहे पर फांसी लगनी चाहिए। और सी फांसी होनी चाहिए कि अगले सौ साल तक किसी शासक को ऐसा पाप करने की हिम्मत हो। जो लोग माफ करने की बात कर रहे है वे पाप को बढ़ावा दे रहे हैं। अगर मोदी ने गुनाह किया है तो उसे फांसी पर लटका दो। मगर अगर राजनीतिक कारणों से मोदी को गाली देनी है तो इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है।

सिद्दीकीः जो हु
उसके लिए आपके दिल में कोई दुख है। हजारों लोग मरे इसके लिए आपको कोई अफसो है? मैं एक अखबार का एडिटर हूं। अगर उसमें कोई गलत बात छपती है तो मैं माफी मांगता हूं।
मोदीः आज माफी मांगने का क्या मतलब है। मैंने तो उसी वक्त जिम्मेवारी ली। अफसो किया माफी  मांगी। देखिए २००२ में दंगे केबाद क्या कहा? (इसकी एक कॉपी मुक्षेउन्हों ने दी।) आप यह तो लीखिए कि हम दस सालोंसे मोदी के साथ अन्याय कर रहे हैं। हमें माफी तो मोदी से मांगनी चाहिए।
इंसाफ क्यों नहीं मिला?
सिद्दीकीः चलिए दंगे हो गए। मगर इसके बाद क्या हुआ? मुसलमानों को आजतक इंसाफ नहीं मिला। आपके प्रषासन ने तो तभी सभी कातिलों को बरी कर दिया। जब तक सुर्पीम कोर्ट ने एसआईटी बनाकर आप पर सजा देने के लिए मजबू नहीं किया। आपने कोई कदम नहींउठाया।
मोदीः आप क्षूठे प्रचार का षिकार होगए हैं।
सिद्दीकीः हम भी क्षू के षिकार हैं। पूरी दुनिया षिकार है।
मोदीः एक स्वार्थी ग्र है वह षिकार है। जिस एसआईटी की आप बात कर रहे हैं उसने तो छह-सात मुकदमों की जांच की है। आपकी जानकारी के लिए गुजरात में तो हजारों एफआईआर दर्ज हुए। हजारो  गिरफ्तार हुए। आज तक देष में जितने दंगे हुए। १९८४ केदंगों में एक भी आदमी को सजा नहीं हुई। जबकि हमारे यहां ५० केसों में सजाएं हो चुकी हैं। आप जिन दो के सोंकी बात करते हैं वह गुजरात से बाहर ले गए। इनकी जांच किसने की? गुजरात पुलिस ने, गोवा कौन लाया? गुजरात पुलिस। चार्जषीट किसने बनाई? गुजरात पुलिस ने। हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। इस मामले को गुजरात से बाहर ले गए। वही कागज, वही गवाह, वही गुजरात पुलिस की जांच। महाराष्ट्र की अदालत ने सजा दी। कोई नई जांच तो नहीं की। आपने न्यायालय पर अविष्वास किया है। गुजरात पुलिस पर नहीं। बल्किस बानो के की  जांच गुजरात पुलिस ने की और बाद में उसे सीबीआई के हवाले कर दिया। आपको यह जानकर हैरानी  होगी कि गुजरात पुलिस ने इस मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया था। उन्हें सजा हुई। सीबीआई ने जिन्हे गिरफ्तार किया था वे निदोर्ष सिद्ध होकर बरी हुए। एक पुलिस वाले ने सीबीआई को कागज देने में दे की तो उसे सजा हुई।
सिद्दीकीः पिछले दस सालों में गुजरात में मुसलमानांे के फर्जी एनकाउंटर हुए। इनके के चल रहे हैं। आपके पुलिस अधिकारी जेल में है। आपका प्रषासन....मोदी ने बात काटते हुए कहा सुन लीजिए..सुन  लीजिए..मायावती जी नेचु नाव से पहले अपने विज्ञापन में लिखा है कि हमने ३९३ एनकाउंटर करके शांति   स्थापित की है। मेरे यहां तो सिर्फ १२ एनकाउंटरही हुए। इनके मुकदमें चल रहे हैं। अभी किसी को सजा  नहीं हुई है। ह्यूमन राइट् कमीषन ने कहा है कि देष में जो एनकाउंटर हु उनमें ४०० फर्जी थे। सुर्पीम  कोर्ट में अर्जी लगी है कि इन सबकी जांच होनी चाहिए। सा क्यों नहीं हो रहा है। सिर्फ गुजरात के एनकाउंटरों की जांच हो रही है। देष के बाकी हिस्सों में होने वाले एनकाउंटरों की जांच क्यों नहीं?

सिद्दीकीः ऐ सा क्यों हो रहा है?
मोदीः क्यों कि गुजरात को निषाना बनाया गया है। मुबई में एनकाउंटर हो रहे हैं। मगर उनकी जांच नहीं  हो रही। हर पार्टी गुजरात को बदनाम करने लगी है। वह सा कर रही है।

सिद्दीकीः क्या
कांग्रे सा कर रही है?
मोदीः जो भी पार्टी गुजरात को बदनाम करने में लगी है वह सा कर रही है। मै किसी का नाम नहीं  लेना चाहता।
मोदी तानाषाह
सिद्दीकीः मगर आपकी अपनी पार्टी के लोग विष्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस के लोग यह  इल्जाम लगाते हैं कि आप एक डिक्टेटर हैं। लोगों की जुबान बंद कर देते हैं। वे तो आपके विरोधी नहीं। आपके अपनी पार्टी केहैं।
मोदीः मेरे पास कोई सी जानकारी नहीं मगर फिर भी कोई सा कहता है तोयह लोकतंत्र है।
मोदी प्रधानमंत्री
सिद्दीकीः कहा जाता है कि आप देष का प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं। आप गुजरात से  निकलकर राष्ट्रीय राजनीति की जिम्मेवारी संभालना चाहते हैं। अगर आप देष के प्रधानमंत्री बनें तो आपके  क्या पांच महत्वपूर्ण काम होंगे।
मोदीः देखिए। मैं बुनियादी तौर पर संगठन का व्यक्ति हूं। कुछ खास परिस्थितियों में मैं मुखयमंत्री बन  गया। जिंदगी में मैं किसी स्कू के मॉनिटर काभी चु नाव नहीं लड़ था। मैं कभी किसी का एलेक्षन  एजेंट भी नहीं बना। मैं तो इस दुनिया का इंसान ही नहीं हूं। ना ही इस दुनिया से मेरा कुछ लेना देना रहा। आज मेरी मंजिल है छह करोड गुजराती। उनकी भलाई, उनका सुख। मैं अगर गुजरात मे अच्छा  काम करता हूं तो यूपी और बिहार के दस लोगों की नौकरी लगती है। मैं हिंदुस्तान की सेवा गुजरात के  विकास द्वारा करूंगा। गुजरात मंे अगर नमक अच्छा पैदा होगा तो सारा देष गुजरात का नमक खाएगा। मैंने गुजरात का नमक खाया है और सारे देष को गुजरात का नमक खिलाता हूं।

मुसलमानों के लिए क्या किया?
सिद्दीकीः आखिर आपने गुजरात के मुसलमानों की भलाई के लिए कोई काम किया?
मोदीः मैं हिंदू मुसलमान की सोच नहीं रखता। मैंने तो यह देखा है कि जो पिछड़ हु है उसेआगे  बढाया जाए। समुंदर के तटीय क्षेत्र में मुसलमान ज्यादा हैं। हमने १५०० करोड का पैकेज दिया है। वहां  हमने आईआईटी खोले हैं। स्कू खोलेहैं। मछुआरों के बच्चों को विमान चालन के बारे में बताया है। मछुआरों को छह महीने रोटी मिलती है। मैंने वहां पर सीवीड उगाने का काम किया है। ताकि मछुआरों को रोजी मिल सके।


सिद्दीकीः अहमदाबाद में बहुत से इलाके दलितों और मुसलमानों के ऐसे हैं जो पिछडे हैं। वहां बैंक नहीं हैं। अस्पताल नहीं हैं।
मोदीः यहां शहरी समृद्धि योजना है। इसके तहत काम हो रहा है। कंप्यूटर की षिक्षा दी जा रही है। बैंक  नहीं हैं। यह काम केंद्र का है। आपकी प्रिय कांग्रे सरकार का काम है। गुजरात में पतंगबाजी बहु बड उद्योग है। इसे ९९ प्रतिषत मुसलमान चलाते हैं। मैंने इसका गहराई से अध्ययन किया है। मैं बोलना शुरू करूं तो आप भी पतंगबाजी पर मुक्षे पीएचडी की डिग्री दे देंगे। अहमदाबाद में जो पतंग बनती थी। वह ३४ जगह जाती थीं। कही बां बनता था तो कहीं गुंद, कही कागज। इससे काफी महंगा पडता था। मैंने  रिसर्च करवाई। पहले यह पतंग उद्योग - करोड का था आज ५० करोड का है। पहले पतंग का कागज तीन रंगों का अलग-अलग लगता है। मैंने कागजवालों से कहा कि वो एक ही कागज का तीन रंग का छाप दंे। पतंग का बां असम से आता है। मैंने रिसर्च करवाया अब गुजरात में ही बां पैदा हो रहे हैं। आज हम सबसे ज्यादा चीनीवाला गणना पैदा कर रहे हैं। यह फायदा किसे मिला? आप कहेंगे मुसलमान  को मिला। मैं कहुंगा मेरे गुजरातियों को मिला.

मोदी का सेकुलरिज्म
सिद्दीकीः मोदी जी, क्या आप हिंदुस्तान को सेकुलर मुल्क बनाए रखना चाहेंगे। क्या आपका सेकुलरवाद मे  विष्वास है?
मोदीः जो लोग हिंदुस्तान को सेकुलरिज्म सिखा रहे हैं। वे अब देष की तौहीन कर रहे हैं। यह देष शुरू से ही सेकुलर है। भारत अफगानिस्तान का हिस्सा था तब भी वह सेकुलर था। पाकिस्तान में भी जब तक  हिंदू थे। वह सेकुलर था। बांग्लादेष सेकुलर था। आप यह देखिए कि कौन सी पार्टी है जिसने देष से सेकुलरिज्म को खत्म किया?

सिद्दीकीः आप
एक शब्द इस्तेमाल करते हैं सोडोसेकुलरिज्म। इसका क्या मतलब है?
मोदीः  सोडोसेकुलर वे होते हैं जो नाम के सेकुलर होते हैं काम के नहीं। जो उपदेष बड़-बडे देते हैं काम फिरकापरस्ती के करते हैं। अब हमारे यहां भाजपा के एक लीडर थे। शंकर सिंह वाघेला। आज वे  कांग्र के बहुत बडे सेकुलर लीडर बन गए हैं। आप में से कोई उनसे यह पूछे कि जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया तो उस वक्त वे कहां थे? वे किस स्टेज पर खडे हुए थे? अब वे कांग्रे मे शामिल हो गए तो सेकुलर हो गए। उनके सब पाप धूल गए। वे मुसलमानों से कहते हैं कि मुक्षे वोट दो। क्यों कि मैं मोदी से लड़रहा हूं। हम इसको सेकुलरिज्म कहतेहैं।
अखंड भारत
सिद्दीकीः क्या आप फिर भारत को अखंड भारत बनाना चाहतेहैं? क्या आपका यह स्वप्न है?
मोदीः मेरा स्वप्न है कि कष्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक रहे, नेक रहें। सब सुखी रहें। सबका  कल्याण हो। जो साम्राज्यवादी मनोवृत्ति के लोग हैं वे पाकिस्तान में अखंड भारत का आंदोलन चला रहे हैं। पाकिस्तान में आदोलन चल रहा है कि पाकिस्तान, हिंदुस्तान और बांग्लादेष एक हो जाएं ताकि यहांपर  मुसलमान बहुसंखयक हो जाएं। आजकल आप लोगों के भी मुंह में पानी रहा है। इसलिए कि आप  अखंड भारत के नाम पर मुस्लिम बहुल देष बनाना चाहते हैं। सब मुसलमानों को इकट्ठा करके हिंदुस्तानी  मुसलमानों को आगे लाकर तनाव पैदा किया जाए। आपका भी यह सपना होगा।

सिद्दीकीः मे
रा सपना तो संयुक्त हिंदुस्तान का था। मेरे पिता ने देष केविभाजन का विरोध किया था। पाकिस्तान बनने का विरोध किया था। हमारा स्वप्न तो पूरे उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने का है।

हिंदू
आतंकवाद
सिद्दीकीः गत दिनों आतंकवाद बढ है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता मगर आज कु हिंदू भी  आतंकवादी बने हैं तो इसका मुकाबला करने के लिए क्या कदम उठाएं
मोदीः  सखत कानू बनाया जाए।
सिद्दीकीः आपने तो सखत कानू पोटा के तहत सिर्फ मुसलमानों को पकड़ है।
मोदीः हमने जिन्हें गिरफ्तार किया। इनके मामले सुर्पीम कोर्ट तक गए। मगर अदालत में एक भी के  गलत नहीं पाया। देष के दूसरे हिस्सेमें पोटा का गलत इस्तेमाल हुआ हो। मगर गुजरात में नहीं हुआ। हमारा पोटा लगाया हुआ एक भी के क्षूठा नहीं निकला। जब यहां कांग्रे की सरकार थी। इसमें हजारो लोग टाडा में गिरफ्तार हुए। उस वक्त भाजपा के अध्यक्ष मक्रां देसाई थे। उन्होंने टाडा के खिलाफ  कांफ्रे की। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनमें ८० प्रतिषत  मुसलमान थे।
सिद्दीकीः  सीमी पर तो पाबंदी तो लगा दी गई। मगर आप लोग अभिनव भारत पर पाबंदी लगाने की मांग  क्यों नहीं करते?
मोदीः अभी तक अभिनव भारत की संगठन की कोई तस्वीर सामने नहीं आई। इंडियन मुजाहिदीन की   तस्वीर भी सामने नहीं आई। ये हैं क्या? उन्हे कौन चला रहा है? सरकार बताए। पहले पता लगे। तभी तो  आप संगठन पर पाबंदी लगाएंगे। सिर्फ गुब्बारे छोडनेसे क्या फायदा। कांग्रे कभी अभिनव भारत का  गुब्बारा छोडती है और कभी इंडियन मुजाहिद्दीन का मगर सरकार के सामने न पूरी सच्चाई रखती है ना  पूरी तस्वीर.
सिद्दीकीः गुजरात के चुनाव नजदीक हैं। आप क्या समक्षते हैं आपके लिए सबसे बड चैलेंज क्या है?
मोदीः हम खुद ही अपने लिए सबसे बड़ चैलेंज हैं। क्यों कि हमने स्तर इतना बुलंद कर लिया है कि लोग  हमारे स्तर पर हमंे नापते हैं। मोदी १६ घंटे काम करता है तो लोग कहते हैं कि अठारह घंटे क्यों नहीं? लोगो की आकांक्षाएं मोदी से बहुत ज्यादा है। इसलिए हमें अपने रिकॉर्ड खुद ही तोडने पडते हैं।
मोदी के खिलाफ बगावत
सिद्दीकीः आज आपकी पार्टी के अंदर बगावत है। आपके खिलाफ चैलेंज है।
मोदीः यह मैंने जनता पर छोड दिया है। वह फैसला करे। मैंने पिछले दस वर्षो में हर चुनाव जीता है। मुक्षे उम्मीद है कि हम यह भी जीतेंगे।
सिद्दीकीः आप मुसलमानों को कोई संदेष देना चाहेंगे।
मोदीः भाई मैं बहुत छोटा इंसान हूं। मुक्षे किसी को पैगाम देने का हक नहीं है। खादिम हूं। खिदमत करता   रहूंगा। मैं अपने मुसलमान भाईयों से कहना चाहूंगा कि वे किसी के लिए सिर्फ एक वोट बनकर रहें। आज हिंदुस्तान की राजनीति में मुसलमान को सिर्फ वोट बना दिया गया है। मुसलमान स्वप्न देखें। उनके स्वप्न उनके बच्चों के स्वप्न पूरे हों। वे वोटर रहें औ अपने वोट का खुलकर इस्तेमाल करें। मगर उन्हे  इसकेआगे एक इंसान एक भारतीय के रूप में देखा जाए। उनकी तकलीफों को समक्षा जाए। मैं अगर उनके किसी काम सकता हूं तो आउंगा। मगर उन्हें भी खुले दिमाग से देखना होगा। सोचना होगा।

सिद्दीकीः मे
रे पास और भी अभी बहुत सारे सवाल थे। मगर इंटरव्यू चलते डेढ घंटा हो चुका था। मोदी को भी जाना था और मुक्षे भी फ्लाइट पकडनी थी। इसलिए बहुत से सवाल रह गए। मगर फिर भी मै  ज्यादातर सवाल पू छने में सफल रहा।
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