इंदूर येथे १ लाख २० हजार स्वयंसेवकांचे शिबीर झाले. याकडे
दुर्लक्ष करून मोहनजी भागवत यांच्या भाषणातील अर्धवट भाषण प्रसारित करून
रान उठवले गेले. संदर्भ तोडून भाषण सादर झाल्याने अर्थ बदलला. अशाला
पत्रकारिता म्हणता येईल का ? इंदूरच्या भास्कर आवृत्तीत याची योग्य
वार्तांकन झाले आहे.
विवेकानंदपुरम (इंदौर) आरएसएस के मालवा प्रांत ने संघ इतिहास
का सबसे बड़ा एकत्रीकरण रविवार को इंदौर में किया। करीब सवा लाख स्वयंसेवक
इसमें शामिल हुए। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा नेता, नारा, नीति,
पार्टी और सरकार की ओर मत देखो। किसी अवतार की प्रार्थना से भी काम बनने
वाला नहीं है। संघ को भी ठेका मत दो उद्धार का। सीता का अपहरण रावण ने किया
पर लड़ना सभी को पड़ा था। यह प्रभु राम की पत्नी के अपहरण का बदला नहीं
था। सवाल था देश में संस्कृति रहेगी या दानवता। आज परिवेश बदलने की
आवश्यकता है और इसके लिए सबको लड़ना पड़ेगा।
संघ प्रमुख ने विवाह को बताया सौदा, बयान पर विवाद
दुष्कर्म मामले में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ का फर्क बताकर आलोचना झेल रहे
संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक और बयान पर विवाद हो गया है। उन्होंने कहा है
कि विवाह ‘अब संबंध नहीं सौदा’ बन चुका है। भागवत ने शनिवार को इंदौर में
एक कार्यक्रम में कहा, ‘पहले दुनिया संबंधों पर आधारित थी। अब स्वार्थ
आधारित हो गई है। थ्योरी ऑफ सोशल कॉन्ट्रैक्ट। पत्नी से पति का यह सौदा तय
हुआ है। इसको आप विवाह संस्कार कहते होंगे। लेकिन यह सौदा है कि तुम मेरा
घर संभालो, मुझे सुख दो। मैं तुम्हारे पेट-पानी की व्यवस्था करूंगा। तुम्हे
सुरक्षित रखूंगा। जब तक पत्नी रहती है तब तक पति कॉन्ट्रैक्ट पूर्ति के
लिए रखता है। कॉन्ट्रैक्ट पूर्ण नहीं कर सकते हैं तो उसे छोड़ दो। इसी तरह
पति कॉन्ट्रैक्ट पूर्ण नहीं कर सकता तो उसको छोड़ दो, दूसरा. दूसरा
कॉन्ट्रैक्टर खोजो। ऐसे ही चलता है। सब बातों में सौदा है.।’
पलटा मारो, सब ठीक रहेगा
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने उद्बोधन में जहां महंगाई, एफडीआई और
देश की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार को घेरा, वहीं हिंदू-मुस्लिमों को एक
होने की सीख भी दी। उनके भाषण के कुछ अंश-
देश के माहौल और
सरकार पर
देश में गाली-गलौज का खेल चल रहा है। इसमें लोगों को बहुत रस आता है
पर परिवेश नहीं बदलता। सरकार उत्पन्न करने वाले हम लोग हैं। वह गड़बड़ न
करे इसका जिम्मा हमारा ही है। घोड़ा क्यों अड़ा, रोटी क्यों जली और पान
क्यों सड़ा? इसका एक ही जवाब है पलटा न था। पलटा मारो, सब ठीक रहेगा।
महंगाई और एफडीआई पर
वस्तुओं के भाव आसमान पर हैं। देश का आमजन परेशान है। गांव-शहर में
रोजगार कितना बचेगा अब इसकी भी समस्या खड़ी हो गई है। रिटेल में एफडीआई के
कारण उस पर भी संकट आ रहा है।
चीन और पाकिस्तान को लेकर कहा
भारत का एशिया में उत्थान न हो इसलिए चीन नाकेबंदी कर रहा है।
पाकिस्तान अकारण दुश्मनी बढ़ा रहा है। सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट बनती है।
संसद में चर्चा होती है लेकिन निराकरण नहीं हो रहा।
.. और हिंदू-मुस्लिम पर
अंग्रेजों ने कहा था हिंदू-मुस्लिम आपस में लड़ते-लड़ते खत्म हो
जाएंगे। ऐसा कभी नहीं होगा। इस झगड़े के बीच दोनों आपस में उपाय खोज लेंगे
और वह रास्ता हिंदू जीवन पद्धति से निकलेगा। संस्कृति के प्रति आस्था,
पूर्वजों के प्रति गौरव और मातृभूमि के प्रति भक्ति ही हिंदू भाव है।
अद्भुत अनुशासन। स्वावलंबन। इंदौर के विवेकानंदपुरम् में
आयोजित हुआ संघ एकत्रीकरण। 60 एकड़ क्षेत्र में चारों ओर स्वयंसेवक ही
स्वयंसेवक.. करीब सवा लाख। लेकिन कहीं अव्यवस्था नहीं। सबकुछ तय कार्यक्रम
के अनुसार चलता रहा। शहर में आयोजन के कारण कहीं कोई अव्यवस्था न हो, इसका
भी ध्यान रखा गया। हाफ शर्ट और खाकी नेकर में चौराहों पर सुबह से शाम तक
स्वयंसेवकों ने ही ट्रैफिक व्यवस्था संभाली।
1.22
लाख से ज्यादा स्वयंसेवक आए
60
एकड़ में हुआ एकत्रीकरण
40
एकड़ में पार्किग की व्यवस्था की गई
50
हजार दर्शक पहुंचे संघ का संगम देखने
14
जिलों के स्वयंसेवकों
ने लिया हिस्सा
92
हजार स्वयंसेवक जुटे थे केरल में
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