हैदराबाद में नरेंद्र मोदी ने तेलगू में भाषण की शुरुआत की। अपने भाषण
की शुरुआत उन्होंने इस तरह से नमस्कार करके की- सोधरा, सोधरी, मनोलारम,
नमस्कारम। अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा- आपलोग 17 सितंबर को
हैदराबाद डे मनाते हैं, और मेरा सौभाग्य है कि इस दिन मेरा जन्मदिन भी
है। मैं आंध्र प्रदेश भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को हृदय से अभिनंदन
करता हूं। उन्होंने इस पॉलिटिकल सभा का समाज सेवा के लिए उत्तम तरीके
से उपयोग किया। और मैं आंध्र के युवकों को अभिनंदन देता हूं कि उन्होंने
इस जनसभा में पांच रुपया रजिस्ट्रेशन फी देकर उत्तराखंड के पीड़ितों
के, उनके दर्द के साथ अपने आपको जोड़ने का उत्तम प्रयास किया है। इसलिए
मैं आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं। अभिनंदन करता हूं।
हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में रविवार को नरेंद्र मोदी
की चुनावी सभा हुई। इस सभा में भारी भीड़ इकठ्ठा हुई। एजेंसी से मिली
खबरों के मुताबिक इस सभा में तकरीबन एक लाख लोग इकठ्ठा हुए। यह भी बताया
जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग अहमदाबाद में भी इकठ्ठा नहीं हुए।
सभा के आयोजनकर्ताओं ने कुल 50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की थी।
लोगों की बढ़ती संख्या को देखकर भाजपा ने लोगों से टेलीविजन पर रैली का
लाइव टेलीकास्ट देखने की अपील की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में ऐसी दिल को छूने वाली
घटनाएं कभी कभी मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी प्रेरणा बन जाती हैं। एक सिख
परिवार जो आंध्र में आकर बसा, जिसका बेटा कनाडा में रहता है, उसकी 80 साल
की मां इस कार्यक्रम में आई।मुझे उसके चरण छूने का मौका मिला। मित्रो,
मैं हैरान हूं कि एक बुजुर्ग सेनानी ने इस सभा में आने के लिए सत्याग्रह
किया। तीन दिन अन्न छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मेरा उस सभा में जाने
का इंतजाम करो। मैं उनको नमन करता हूं। ये घटना मुझे जीवन भर प्रेरणा देगी।
अपने भाषण के अंत में नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा
की तर्ज पर भीड़ से यस वी कैन और यस वी डू बोलने को कहा।
मोदी ने कहा कि लोगों का राजनीति से भरोसा उठा है। दिल्ली की
सल्तनत के एक के बाद एक कारनामों ने हिंदुस्तान के लोगों का भरोसा तोड़ा
है। यहां इतने सारे नौजवान आए हैं, लेकिन जब मैं रास्ते से आ रहा था तो
इससे भी डबल संख्या में नौजवान बाहर हैं। वो अंदर नहीं आ पाए हैं, मैं
उनसे क्षमा मांगता हूं और उनको विश्वास दिलाता हूं कि स्टेडियम में
जगह हो या न हो, लेकिन मेरे दिल में आपके लिए बहुत जगह है।
उन्होंने कहा कि गत सप्ताह की जो घटनाएं हैं, उनने देश को झकझोर
दिया है। सवाल है कि हम किसपर भरोसा करें। जब इस देश की सेना के जवानों
के सिर काट लिए गए थे, तब भारत के पीएम ने कहा था कि ऐसी घटना अगर
दोबारा होगी तो हम पाकिस्तान से हिसाब चुकता करेंगे। मैं पीएम से पूछना
चाहता हूं कि इसी हफ्ते पाकिस्तान की सेना ने आकर के हमारे देश के रक्षा
करने वाले मां भारती के लिए जीने मरने वाले हमारे देश के उन रणबांकुरों को
भून दिया। उनको मौत के घाट उतार दिया। दिल्ली की सल्तनत से
हिंदुस्तान पूछ रहा है कि जब हमारे देश के जवानों के सिर काट दिए एग थे
तो आपने कहा था कि ऐसी चीजों को सहन नहीं करेंगे।
मोदी बोले कि क्या कारण था कि पाक एक के बाद एक जुल्म करता चला जा
रहा है और सवा सौ करोड़ का देश चुपचाप सारी चीजें झेल रहा है। पिछले
दिनों एक के बाद एक जो घटनाएं घटी हैं, आप देखिए कि किश्तवाड़ सुलग रहा
है। न जाने कितने लोगों को मारा गया है। न जाने कितने लोगों की दुकानें,
घर जलाए गए हैं। कश्मीर घाटी में तीन दशक से जो खेल चल रहा है, क्या
उसका रिहर्सल किश्तवाड़ में करने का नापाक इरादा तो नहीं है, देश जानना
चाहता है। आज भाजपा के नेता अरुण जेटली किश्तवाड़ की हालत देखने जा रहे
थे, लेकिन वहां की सरकार ने सबसे छुपाने के लिए उन्हें रोक दिया।
जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र की यह घटना छोटी घटना न मानी जाए।
उन्होंने कहा कि सवाल किश्तवाड़ के नागरिकों का नहीं है, सवाल
भारत के शांतिप्रिय नागरिकों को सुखचैन की जिंदगी चाहिए। जुल्म से
मुक्ति चाहिए। पर देश का एक बार और भरोसा टूट गया। दिल्ली की सल्तनत
हमारे देश को सुरक्षा नहीं दे सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वोट बैंक
की राजनीति में लगी दिल्ली की सल्तनत हिंदुस्तान की सुरक्षा को अनदेखा
कर रही है। बांग्लादेश की सीमा पर हमारे जवान अगर घुसपैठियों को रोकना
चाहते हैं तो उनपर रोक लगाई गई है कि वो शस्त्र का प्रयोग नहीं करेंगे।
यहां तक कह दिया गया है कि अगर घुसपैठियों का हमला तेज है तो झगड़ा करने
की बजाए उनको अंदर आने की इजाजत दे दें।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सारी दुनिया देख रही है कि सीमा पर पाकिस्तान और
चीन की क्या हरकतें हैं। मैं हैरान हूं, चीन तो घुसपैठिया था, उसको तो
अपनी धरती पर वापस जाना ही था, लेकिन दिल्ली की सरकार ने ऐसा समझौता
किया कि हिंदुस्तान की सेना को अपनी ही धरती पर वापस लेने का निर्णय लेना
पड़ा, ये देश का दुर्भाग्य है। भारत के विदेशमंत्री चीन गए और वहां जाकर
चीन की हरकत के खिलाफ आवाज उठानी थी, उसके बजाय उन्होंने बयान दिया कि
बीजिंग इतना बढ़िया शहर है, मुझे यहां रहने का मन कर जाता है। डूब मरो,
डूब मरो मेरे देश की सरकार चलाने वालो। ये कौन सा नमक छिड़क रहे हो हमारे
देश के लोगों पर। हमारे जवानों के जो सिर काट दिए गए, और उसके बाद भारत
के विदेश मंत्री जयपुर जाकर के पाक के मेहमानों को बिरियानी खिला रहे
थे और कहते हैं कि ये प्रोटोकॉल है। जो देश के जवानों के सिर काट लें,
क्या उनका प्रोटोकॉल होता है। क्या ये हिंदुस्तान की जनता को उसकी पीड़ा
पर नमक छिड़कने का काम है कि नहीं। केरल में हमारे मछुआरों को गोली मार
दी जाती है। इटली के जवान आए और आकर मेरे देश के दो मछुआरों को गोली से भून
दें। उनको अरेस्ट किया जाए और बेल दे दी। जब वापस करने की बात आई तो
इटली वालों ने आंख दिखाई। वो तो राजदूत को कहा गया कि तुम हिंदुस्तान
नहीं छोड़ सकते, तब जाकर वो लोग वापस आए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार किसी भी मुद्दे पर गंभीर
नहीं है। उनको इस देश की समस्याओं पर चिंता नहीं है। आपको हिंदुस्तान की
चिंता हो रही है, मुझे मेरे देश के नौजवानों की चिंता है। मन में सवाल उठता
है कि इस देश की युवा पीढ़ी का क्या होगा। रोजी रोटी पाने के लिए कहां
जाएंगे। कांग्रेस की सरकार महाराष्ट्र और आंध्र में हैं। कांग्रेस को बुरा
लगेगा, दोनों प्रदेशों में आप कई वर्षों से राज कर रहे हैं और हिंदुस्तान
में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं की घटनाएं इन्हीं दोनों प्रदेशों में
होती हैं। आंध्र के नौजवानों को पेट भरने के लिए गल्फ कंट्री में जाना
पड़ रहा है। कांग्रेस की डिवाइड एंड रूल की नीति रही है। 2004 में
कांग्रेस ने आंध्र को तेलंगाना देने का वादा किया था। आंध्र से पूरे
हिंदुस्तान में कांग्रेस को सर्वाधिक एमपी मिले हैं। दिल्ली की सरकार
अगर टिकी है तो आंध्र की वजह से। लेकिन आंध्र को क्या मिला।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटे राज्यों की कल्पना वाजपेयी ने भी की थी।
छत्तीसगढ़, उत्तरांचल झारखंड बना तो सब मिठाई बांट रहे थे। कांग्रेस के
वो कौन से कारनामे हैं कि उसने भाई भाई के बीच दरार पैदा कर दी है।
तेलंगाना के पक्ष में भाजपा पहले से ही है। मैं खुद विद्यासागर राव के समय
में तेलंगाना की सभा करने आया था। तभी वादा किया था कि सरकार बनी तो सौ
दिनों में तेलंगाना बना देंगे। लेकिन किसी भी कीमत पर सीमांध्र की
अनदेखी नहीं की जा सकती। सीमांध के अंदर जो शहर आए हैं, वो हैदराबाद से भी
ज्यादा प्रगतिशील बनें, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन दिल्ली की
सरकार को इसकी फुरसत नहीं है। आंध्र के लोगों के साथ अन्याय करने का
अधिकार आप नहीं है। हमारे दिल में तेलंगाना और सीमांध्र का भी उतना
महत्व है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं छोटा व्यक्ति हूं, लेकिन गुजरात की धरती से
आया हूं। महात्मा गांधी, सरदार पटेल की भूमि से आया हूं। मैं तेलंगाना और
आंध्र के लोगों से प्रार्थना करता हूं। कांग्रेस कितने भी खेल क्यों न
खेले, लेकिन आपके बीच टकराव नहीं होना चाहिए। मैं आपसे पूछना चाहता हूं
कि हमारा रास्ता क्या है। आंध्र और तेलंगाना क्या कभी किसी ने सोचा है
कि क्या मां के दूध में भी दरार हो सकती है। मां के दूध में दरार नहीं
होनी चाहिए। हम भाई हैं, हम साथ हैं और मेरे गुजरात में, मेरे सूरत में
चार लाख तेलगूभाषी भाई बहन रहते हैं। अहमदाबाद में छह लाख रहते हैं। हम
प्यार से जीते हैं, साथ साथ जीते हैं, हर एक का पेट भरने का प्रयास करते
हैं। अगर हम प्यार से जी सकते हैं तो आंध्र वाला तेलंगाना के साथ प्यार
से जी सकता है और आंध्र वाला भी ऐसे जी सकता है। हम सबका लक्ष्य होना
चाहिए कि दोनों प्रदेश इतनी प्रगति करे कि गुजरात से आगे निकल जाए।
विकास ही एक रास्ता है। इसी में समस्याओं का समाधान है। कांग्रेस पार्टी
किसी भी हालत में विकास के रास्ते पर जाने को तैयार नहीं क्योंकि उसे
जवाब देना भारी पड़ जाता है। आज से 40 साल पहले शुद्ध घी की दुकान का बोर्ड
नहीं लगाना पड़ता था, लेकिन आज बोर्ड लगाना पड़ता है क्योंकि शुद्ध घी
नहीं मिलता है। जब वाजपेयी जी की सरकार थी तो इस देश में गरीब की थाली में
रोटी की चिंता नहीं थी। इसलिए कभी फूड सीक्योरिटी के बारे में नहीं
सोचना पड़ता था। कांग्रेस ने गरीब की हालत इतनी खराब कर दी है कि फूड
सीक्योरिटी की बात आ रही है।
उन्होंने कहा कि मैं देश के अर्थशास्त्रियों से कहना चाहता हूं, एक
शब्द चल रहा है इन्क्लूजिव ग्रोथ। ये शब्द पहले क्यों नहीं था।
प्लानिंग कमीशन ने ये शब्द प्रयोग नहीं किया। आज इसलिए इसका प्रयोग
करना पड़ा है क्योंकि कांग्रेस इन्क्लूजिव कुछ नहीं किया, सब कुछ
एक्सक्लूडिव किया है। कई लोगों को उसने विकास से काट रखा है। इसलिए
ये नौबत आई है। कांग्रेस बोझ बन गई है। मैं आज एनटीआर को याद करना चाहता
हूं। एनटीआर ने देश की बड़ी सेवा की थी। न सिर्फ आंध्र के गौरव के लिए
लड़े थे, बल्कि एनटीआर ने कांग्रेस विरोधी राजनीति को बल दिया था। ये
उन्हीं का प्रयास है कि देश में गैर कांग्रेसी सरकार संभव हुई थी। मैं
आंध्र के सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध करता हूं कि एनटीआर को उत्तम
श्रद्धांजलि कांग्रेस मुक्त भारत के निर्माण हो सकती है। जो भी एनटीआर की
लीडरशिप का दावा करते हैं, उनका कर्तव्य है कि हिंदुस्तान को कांग्रेस
मुक्त करने के लिए जो भी बन पड़े, वो करें।
मोदी ने कहा कि तेलगूदेशम का दायित्व है कि एनटीआर का सपना पूरा करें।
कोई चले या न चले, कोई आज चले कोई कल चले, कोई चलने से पहले सोचता रहे,
उसके बावजूद कहता हूं कि देश में कांग्रेस मुक्त भारत की हवा बन चुकी है।
देश ने कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख लिया है। सभी लोग कृतसंकल्प हुआ
है। भ्रष्टाचार ने हमारे देश को तबाह कर दिया है। जल थल नभ में कोई ऐसा
क्षेत्र नहीं है जहां कांग्रेस के मित्रों ने भ्रष्टाचार के लिए अपने
हाथ पैर न फैलाएं हों। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी जी पूरे देश
में काला धन वापस लाने के लिए घूमे। विदेशों की बैंकों में जो काला धन
पड़ा है, उसे वापस लाने में कांग्रेस को क्या परेशानी है। आडवाणी जी ने
काला धन को वापस लाने के लिए जो मांग की, कांग्रेस ने उसे ठुकारा दिया।
किसका है ये काला धन।
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